आप सोचिए, एक माँ अपने बच्चे को स्कूल भेजती है — शिक्षा और सुरक्षा की उम्मीद में।लेकिन आज वो माँ रो रही है… और स्कूल में बज रही है मातम की घंटी।”
25 जुलाई 2025 की सुबह करीब 7:40 बजे… राजस्थान के झालावाड़ जिले के Piplodi गाँव में एक सरकारी स्कूल की पुरानी छत गिर गई, जब बच्चे प्रार्थना सभा के लिए एकत्र हो रहे थे। लगभग 35 छात्र कक्षा में थे, तभी अचानक छत बीच में टूट कर नीचे गिर गई ।
उस हादसे में सात मासूम बच्चों की जान चली गई, जबकि कम से कम 21 अन्य बच्चे घायल हुए—कुछ की हालत गंभीर बताई गई है ।प्रशासनिक रिपोर्ट के अनुसार, कई छात्रों ने गिरते पत्थरों की चेतावनी दी, लेकिन शिक्षक ने कहा – “कुछ नहीं होगा, शांत बैठे रहो”, जिसके तुरंत बाद छत गिर गई ।
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग, पुलिस और प्रशासन मौके पर पहुंचे और घायलों की बचाव एवं उपचार प्रक्रिया शुरू हुई ।राज्य सरकार ने तुरंत प्राचार्य और चार शिक्षकों को निलंबित कर दिया। मदन दिलावर, शिक्षा मंत्री ने ₹10 लाख मुआवजा और एक सरकारी नौकरी प्रत्येक प्रभावित परिवार को देने की घोषणा की; साथ ही एक उच्च स्तरीय जांच जारी की गई है ।
National Human Rights Commission (NHRC) ने इस घटना पर संज्ञान लेकर Rajasthan सरकार और Jhalawar SP से 2 सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
इस बीच, राज्य सरकार ने विशेष स्थायी समिति गठित की है जो सभी सरकारी स्कूलों व इमारतों की सुरक्षा जाँच करेगा, जून तक सभी खतरनाक भवनों की मरम्मत सुनिश्चित की जाएगी ।

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